Формируемых при освоении конкретных тем дисциплины «История отечественной литературы»
| Вид учебных занятий и № темы | ОК-1 | ОК-2 | ОК-3 | ОК-4 | ОК-5 | ОК-8 | ОК-9 | ОК-10 | ОК-13 | ОК-17 | ОК-18 | ОК-19 | ПК-4 | ПК-39 | ПК-40 |
| Лекция 1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Семинар 1.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Лекция 2 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Семинар 2.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Семинар 2.2 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Лекция 3 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Семинар 3.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Лекция 4 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 4.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 4.2 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Лекция 5 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Семинар 5.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Лекция 6 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 6.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Лекция 7 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Семинар 7.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Лекция 8 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Семинар 8.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Лекция 9 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Семинар 9.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Лекция 10 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Семинар 10.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Лекция 11 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 11.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Лекция 12 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 12.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Лекция 13 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 13.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Лекция 14 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||
| Семинар 14.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||
| Лекция 15 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 15.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Экзамен | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + |
| Лекция 16 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 16.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Лекция 17 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 17.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Лекция 18 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 18.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Лекция 19 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 19.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 19.2 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Лекция 20 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Семинар 20.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Лекция 21 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 21.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Лекция 22 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Лекция 23 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 23.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 23.2 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Лекция 24 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 24.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 24.2 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 24.3 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 24.4 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Лекция 25 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||
| Семинар 25.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||
| Лекция 26 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Семинар 26.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Лекция 27 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Семинар 27.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Лекция 28 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 28.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Лекция 29 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Семинар 29.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Экзамен | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + |
| Лекция 30 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Семинар 30.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Лекция 31 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 31.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 31.2 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Лекция 32 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 32.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Лекция 33 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 33.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Лекция 34 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||||
| Лекция 35 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 35.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Экзамен | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + |
| Лекция 36 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 36.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Лекция 37 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||
| Семинар 37.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||
| Семинар 37.2 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||
| Лекция 38 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 38.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Лекция 39 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||
| Семинар 39.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||
| Лекция 40 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |||
| Семинар 40.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||
| Семинар 40.2 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | ||
| Лекция 41 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |
| Семинар 41.1 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |
| Семинар 41.2 | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | |
| Экзамен | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + | + |
Требования к результатам образования, формируемых дисциплиной
В результате освоения дисциплины «История отечественной литературы» обучающийся должен:
знать :
· основные этапы развития отечественной литературы, периодизацию, представлять её целостную картину;
· понимать место русской литературы в мировом литературном процессе, гуманистическое, культурное, цивилизационное значение, связь с жизнью и практической журналистской деятельностью;
· знать творчество классиков и оценки их произведений критикой;
уметь :
· анализировать художественные литературные произведения,
· рассматривать литературно-художественные произведения в историческом и общественно-политическом контексте;
· на основе знаний произведений выдающихся писателей каждого периода, быть способным выделить главные черты, определяющие их место и роль в национальной и мировой культуре;
· использовать опыт лучших мастеров словесности при подготовке собственных журналистских материалов в художественно-публицистических и иных жанров, а также в процессе анализа и редактирования работ других авторов;
· развивать свой художественный вкус, свое журналистское мастерство.
владеть:
· системой понятий теории литературы в их логической взаимосвязи,
· навыками самостоятельного анализа
литературного явления;
литературно-художественного и журналистского произведения;
критических воззрений.
СТРУКТУРА И СОДЕРЖАНИЕ ДИСЦИПЛИНЫ






